पाली ग्रन्थ महावंश के अनुसार- गौतम बुद्ध का जन्म ओक्कक वंश में हुआ था। इतिहासकार इसी ओक्कक का हिंदी में अनुवाद इक्ष्वाकु के नाम से करते है।
- ओक्कक
- ओक्कामुख
- शिविसामज्य
- सिंहस्र
- जयसेन
- सिंह्हनु
- शुद्धोदन
- सिद्धार्थ
- राहुलवंशावली
से स्पष्ट है ही कि गौतम बुद्ध ओक्कक(इक्ष्वाकु) वंश की आठवीं पीढ़ी में पैदा हुए थे। शाक्य गणराज के कुछ शाक्य भारत के वर्तमान गोरखपुर के पास पिप्लीवन में आकर बस गए थे।
पिप्लीवन में बहुत अधिक मोर होने के कारण इस क्षेत्र को लोग मोरिय बोलने लगे।
बाद में यही स्थान मोरिय गणराज्य बना और मोरिय गणराज्य के शाक्य वंशी मौर्य कहलाने लगे।
ओक्कक वंशियो का एक गणराज्य कोलिय गणराज्य भी था ।
इस गणराज्य के निवासी कोलिय कहलाते थे । इन कोलियों में कुछ शाक्य और मौर्य भी सम्मिलित थे।
ओक्कक वंशियो का एक मालव गणराज्य भी था जिसके निवासी मालव कहलाते थे।
भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से आक्रमण होता रहता था, इसलिए मौर्य सम्राटो ने अपने शूरवीर सैनिको को उत्तर पश्चिम क्षेत्र में बसाया था। ये सैनिक शाक्य, मौर्य, कोलिय, मालव आदि अनेक जनसमूह के थे।
जाति व्यवस्था मौर्य शासनकाल के बाद आई है।
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