Wednesday, 13 May 2015

बुद्ध जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रशन एवं उनके उत्तर। .....

मंगलमय धम्मसकाळ !!
बुद्ध धम्म के बुनियादी सवाल जवाब।

बुद्ध जीवन  से  जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रशन एवं  उनके उत्तर। .....

प्रशन:-1. बुद्ध  का  शुरू वाला  नाम क्या  था ?

उत्तर :-सिद्धार्थ   उनका  घर  का  नाम  था! गौतम  उनका  कुल  गोत्र था!इस तरह उनका  शुरू वाला   नाम  सिद्धार्थ  गौतम बना!
प्रशन:-2 वह कौन  थे?

उत्तर:-  वह कपिलवस्तु देश  के राजकुमार  थे!
प्रशन 3.राज- कुमार  किसे  कहते  हैं ?

उत्तर :- राजा   के  पुत्र को  राजकुमार  कहते  हैं!


प्रशन:- 4 वह किस  वर्ण  से  थे?

उत्तर :-क्षत्रिय वर्ण  से!


प्रशन:-5 गौतम  के  पित्ता का नाम  क्या  था ?

उत्तर :-शुद्धोधन

प्रशन6 :-उनकी  माँ  का  नाम क्या था?

उत्तर :- महामाया


प्रशन:-7 . राजा  शुदोधन किस  पर  राज  करते  थे ?

उत्तर ;- शाक्यों   पर
!

प्रशन :-8 कपिलवस्तु  किस राज्य में है?

उत्तर :- उत्तर प्रदेश  में वाराणसी नगर  से  लगभग  एक  सौ  मील  नेपाल की  तराई  में पड़ता है!


प्रशन:-9 कपिलवस्तु देश  किस  नदी के किनारे  पर  स्थित था ?

उत्तर:-रोहिणी  नदी के किनारे पर  !


प्रशन:-10 राजकुमार सिद्धार्थ का  जन्म कब हुआ?

उत्तर:-सन 623 ईसापूर्व
!

प्रशन:-11 जन्म स्थान?

उत्तर:- लुम्बिनी  [जंगल में !]


प्रशन 12:-जंगल  में ही क्यों?

उत्तर :-उनको  सुसराल  से  मायके  पालकी  में  रख कर ले  जाया  जा  रहा था  ताकि परम्परा  के  अनुसार   बच्चा  उनके  मायके  में  पैदा  हो ,लेकिन जंगल  के  रास्ते  में ही बच्चा  पैदा हो  गया!


प्रशन:-13 राजकुमार  के  बारे  में क्या कहा  गया था ?

उत्तर:- अगर राजकुमार राज  करे गा  तो उसका  शानदार  राजा  होगा! अगर वह  घर   त्याग  करेगा तो  दुनिया  को  दुःख  से  निज़ात का  रास्ता बताये गा!


प्रशन:-14 उनके  पिताजी क्या   चाहते  थे?

उत्तर: वह चाहते थे वह बड़ा  हो कर  राज  करे,घर  न  त्यागे!


प्रशन:-15 वह घर  न त्यागे  , इसलिये उनके  पित्ता ने क्या किया   ?

उत्तर:- उनके  पित्ता  के  कहने  पर   तीन  बङे SEASONS मौसम के  मुताबिक सर्दी ,गर्मी  और वर्षा के  अनुरूप नौ  मंजिला ,पांच मंजिला और तीन  मंजिला  राज  महल  तामीर  किए!


प्रशन:-16 इन महलों  को  किस  तरह  सज़ाया गया  था?

उत्तर:- इन  तीनों महलों  के  इर्द  गिर्द  खुश्बूदार  फूलों  के  बाग़  बनाये थे! जिन में  मोरों  की  कूक  गूंजती  रहती थी!

प्रशन:-17 उनकी शादी  कितने साल  में  हुई? और  उनके बास्ते और क्या  इंतजाम  थे ?

उत्तर:-उनकी  शादी  16  साल  की उम्र में  हुई! नाच  और  संगीत  में माहिर महिलाऐं  लगातार  इन की  सेवा में  लगी रहती थीं!

प्रशन:-18 उनकी  पत्त्नी का  नाम  बताएँ?

उत्तर :-यशोधरा!


प्रशन :-19 राजकुमारी  यशोधरा को  गौतम ने    किस तरह  प्राप्त किया?

उत्तर:- स्वयंवर हुआ,  उस  में  सिद्धार्थ प्रथम  आये  और  सभी राजकुमारियों में  से  राजकुमार ने  यशोधरा को  चुन  कर  शादी  की !


प्रशन :-20 यशोधरा  को  जब  बच्चा हुआ  तो  उस  का नाम  किस  ने रखा  और  इस नाम  का किया  अर्थ  होता है ?

उत्तर :- बच्चे  का  नाम उनके  पिता सिद्धार्थ   गौतम  ने  राहुल  रखा और  इस  का अर्थ  होता  है जंजीर


प्रशन:-20 इतनी  मज़ेबाली जिन्दगी  कया  सिद्धार्थ  को अच्छी लगती  थी?

उतर:- नहीं !


प्रशन:21  सिद्धार्थ   की  शिक्षा  के  बारे में  बताएँ?

उत्तर:-उन्हें अच्छे  शिक्षक पढ़ाते थे!उनकी  तेज  बुद्धि  थी, ज्यादा  देर  पढाई किये  बिना ही  बह  कलाओं और  बिज्ञान  को समझ कर  अपने  दिमाग में  बिठा लेते  थे!


प्रशन:-22 कया  सिद्धार्थ शानदार  महलों  में  ही  रह कर  बुद्ध  बने ?

उत्तर:-नहीं ,वह  29 साल  की उम्र  में  ही  शाही  शान  और  भोग विलास  को  त्याग  कर  दुनिया  के  दुखों  को   दूर  करने  के  तरीके  को तलाशने  के लिये  घर  से  निकल   गये  थे!


प्रशन:-23 दुनिया  में  दुःख ही  दुःख  है  इसका सब से  बड़ा  अनुभव उन्हें कहाँ  हुआ?

उत्तर:- 21 साल  की उम्र में वह  शाक्य संघ  के  मेम्बर  बने! शाक्य राज्य के साथ  लगता  हुआ  एक  दूसरा कोल़ियों का  राज्य  था ?  दोनों राज्यों के बीच  रोहिणी नाम की  नदी बहती  थी? शक्य और  कोली  राज्यों के लोग  इस  नदी  के  पानी से  अपने  खेत  को  पानी  लगाते थे!हर  फसल  पर  उनका  आपस  में  झगङा होता  था  कि रोहिणी  नदी  के पानी का  पहले  और  कितना  उपयोग  कौन  करेगा! जिस  साल  गौतम की उम्र  29 साल की थी रोहिणी  के  पानी को  लेकर  शाक्य और  कोली पक्षों  के खेत कामगारों  में  झगङा  हो गया! दोनों  पक्षों  ने  चोट  खाई ! शाक्य  लोगों  ने  सोचा  कि झगङे  का  फैसला  जंग  से सदा  के लिए कर लिया  जाये !गौतम  ने  इस  फैसले  का  विरोध  किया! इस विरोध के  लिये  गौतम को  नीचे  दी गईं तीन सज़ाओं  में से  एक  को  चुनने  के  लिए  कहा गया!


1.वह सेना  में  भरती होकर  युद्ध  में भाग  ले सकता  था!

2.  वह फांसी  पर  लटकना या  देश  से  निकाल दिया  जाना  स्वीकार  कर सकता था!

3. वह अपने  परिवार का  सामाजिक  बहिष्कार और  उनके  खेतों  की  जब्ती के लिये  राज़ी  हो  सकता  था !गौतम ने  दूसरी  सज़ा  के  लिये  प्रार्थना  की! इस  तरह  उनको  घर  से जाना  पड़ा! यह  एक महान त्याग  था !


प्रशन:-24 जब उनको  घर  से निकलना  पड़ा  तो  उनको क्या क्या त्यागना  पड़ा?

उत्तर :-उन्हों ने  अपने  परिवार  से   अनुमति  लेकर   अपने परिवार को  , सुन्दर  महलों को  ,धन –जायदाद और  सुखों को  ,अपने कोमल  बिस्तरों ,सुन्दर  कपड़ों ,अच्छे  खानों  और उन्हें अपने  सुन्दर राज्य  को भी  त्यागना पड़ा!


प्रशन :-25 क्या दुनिया में    किसी और  ने  ऐसा  त्याग  हमेशा  के लिए किया ?

उत्तर :-नहीं, ऐसा  कोई  नहीं  जिस  ने  सदा के लिये  ऐसा महान  त्याग किया हो!


प्रशन:26 जब  उन्हों  ने  यह  महान त्याग किया  तो उन की उम्र कितनी  थी?

उत्तर :- 29  साल  उम्र  थी !


प्रशन :-27 कहा  जाता  है  की  गौतम  ने  इस महान त्याग  का  फैसला एक  बूढे को ,एक  बीमार  को ,एक  लाश  को  और  एक  साधु  को  देख कर  किया ! क्या यह  सच  लगता  है ?

उत्तर :-डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर   इस  आधार को नहीं  मानते ! वह कहते  हैं  कि इस  तरह  की  घटनाएँ  तो रोज़  हजारों  में  होती  हैं ,यह कैसे  हो सकता  है  कि वह 29 साल  की  उम्र से  पहले  उनको  देख  न पाये  हों!


प्रशन:-28  क्या गौतम  ने  रात  को अपनी सोयी  बीबी  और  बच्चे राहुल को चुपके  से  त्यागा  था ?

उत्तर: नहीं ,वह  दिन को  सब  से अनुमति  लेकर    घर  से  चले  गए थे!


प्रशन :-29 घर त्याग  करने  के बाद  वह  किस  और  गए   थे ?

उत्तर :-  वह  कपिलवस्तु  से  बहुत  दूर आनोमा  नदी  की और चले गए  !


प्रशन30 :- आनोमा  नदी  के  पास  जा  कर  गौतम  ने  क्या किया ?

उत्तर:- युवराज  सिद्धार्थ गौतम  वहां  पहुँच कर घोड़े  से  उतर  पङे ,अपने सुन्दर  बालों  को अपनी  तलबार  से  काट डाला,शाही  कपड़ों को  उतार कर सन्यासी वाले वस्त्र  पहन  लिए! घोङा और  कीमती  चीज़ें अपने  नौकर छन्न  को  सौंप कर  राजा शुद्धोधन  को  देने  के  लिये  कहा!


प्रशन :-31 इस के  बाद  क्या हुआ ?

उतर :-गौतम  राजा  बिम्बिसार के मगध राज्य  की राजधानी  राजगृह  पैदल चल  कर  गये?


प्रशन :-32 बहां उनको  कौन  मिलने  को  आया  था?

उतर :- बहां  खुद  राजा  बीम्बिसार  अपने मंत्रीयों  के  साथ  मिलने  आये!


प्रशन :-33 राजा  बिम्बिसार  ने  गौतम  से  कया  कहा?

उतर :- राजा ने  कहा  कि वह  बापिस  घर  चले  जाये  या  उनका आधा राज्य  ले कर  राजा बन कर  राज  करें!

प्रशन :-34 गौतम  का  क्या उत्त्तर  था ?

उतर :-गौतम  ने इस  प्रस्ताब  को  ठुकराते  हुए कहा कि उनका  लक्ष्य अब बहुत  बड़ा हो गया  है  जिस  के  कारण वह  उनका  प्रस्ताव नहीं  मान सकते!


प्रशन :-35 राजगृह  से  गौतम  कहाँ  गये?

उतर :- राजगृह  से  गौतम   उरुवेला  की और  चले गए,जो  बुद्ध  गया  के पास  है !

प्रशन :-36 उरुवेला  वह क्यों गए ?

उत्तर :-उस समय उरुवेला  के  जंगल  में  बड़े 2 ज्ञानी-ध्यानी,और साधू-सँया-सी रहते  थे ! उनके  विचार  जानने  के लिये वह  उनके  शिष्य  बने! आशा यह  थी  कि जिस  ज्ञान की  उसे  जरूरत  थी  वह  उसे उनसे   मिल जाये गा!


प्रशन :-37 वह  साद्धू-सन्यासी  किस  धर्म  को  मानने बाले  थे?

उत्तर :- वह  ब्राह्मणी धर्म को  मानने वाले  थे !


प्रशन :-38 वह  ब्राह्मणी  धर्म के  माननेवाले  साधु-सन्यासी क्या  शिक्षा देते थे ?

उत्तर :-उनका  उपदेश था कढिन पछतावा ,सख्त मेहन्त और  देह  को महान कष्ट के  द्वारा  इन्सान  को  पूर्ण ज्ञान होता है !

प्रशन :-39 क्या सिद्धार्थ  गौतम  ने  उन  ब्राह्मणी सन्यासियों  के  विचारों को माना?

उत्तर :- नहीं ,सिद्धार्थ  गौतम  ने  सन्यासियों के  विचारों   के अनुसार तपस्या  करके  देखी और कहा  कि यह  अतिवादी मार्ग  है ,इस  से  दुनिया से  दुःख दूर  नहीं  हो सकता!


प्रशन :-40 इसके  बाद  वह  कहाँ  गए ?

उत्तर :-वहां  से  उरुवेला के  जंगल  में  चले  गए  और  6  सालों  तक अपने  शरीर  को नाना प्रकार के  कष्ट दिए!

प्रशन :-41 क्या  बह  उरुवेला के  जंगल में  अकेले थे ?

उत्तर :- नहीं ,अकेले नहीं  थे ! उनके साथ पांच ब्राह्मण  सन्यासी  भी  थे !


प्रशन :- 42 उनके  नाम ?

उत्तर:-कौंडनय ,भदिेय,बप्प,महानाम  और अस्सजि उनके नाम थे
!

प्रशन :-43 पूरे  सच  को  पाने  के लिये  उन्होंने किस  ज्ञान-के  रास्ते  को अपनाया था ?

उत्तर :-बह  आसन लगा कर  एक स्थान पर बैठ गए  और उन्होंने  मन को एककर के मन की गहराई में जाने में  रूकावट  डालने  बाले  सभी विचारों  को हटा  दिया! और  अपना  ध्यान मानव जीवन  की  विकराल  समस्याओं पर टिका  दिया !

प्रशन :-44  क्या  तपस्या  करते  हुए,  सिद्धार्थ  गौतम  ने   खाना नहीं खाया?

उत्तर :-    खाया !पर  वह  खाने  की मात्रा को  घटाते गए  इस तरह  वह पूरे  50 दिनों  तक  लगभग  भूखे  रहे   !वह  अपने भोजनऔर  पानी की मात्रा को  कम से कम  करते  गए  और सिलसिला यहाँ  तक  आ  पहुंचा कि   हर रोज़  चावल  का  एक  दाना  या सरसों के एक  दाने    से  अधिक  कोई  चीज़ नहीं  खाते थे !


प्रशन :-45 क्या तपस्या  और  अपने आप को इतना  जयादा  भूखा रखने  से उनहें ज्ञान हासिल हो सका ?

उत्तर :- वह  लगातार  दुबले पतले  होते गए ! वह  इतने  कमज़ोर  हो  गये  कि एक  दिन  ज़मीन  पर  बेहोश हो  कर  गिर  पड़े !

प्रशन :-46 इस  घटना  पर  उनके साथी ब्राह्मण  सन्यासियों ने क्या सोचा?

उत्तर :-उन्होंने   यही  सोचा कि  यकीनन  सिद्धार्थ गौतम की  मौत  हो गई है ! लेकन  कुछ समय  बाद  उनको  होश आ गया !


प्रशन :-47 उन्हें  होश आने के बाद  क्या हुआ ?

उत्तर :-  सिद्धार्थ  गौतम के मन  में  यह  बात  आई  की  सिर्फ  उपबास रखने  से  या  अपने शरीर  को  कष्ट देने  से ज्ञान नहीं  पाया  जा  सकता है !इसलिये  उन्होंने  खाना खाने का फैसला किया !


प्रशन :-48 उनको  खाना  किस ने दिया ?

उत्तर :-सुजाता नाम  की  एक औरत ने  उन को  खाना[खीर ] दिया!


प्रशन :-49 फिर  किया हुआ ?

उत्तर :- वहां  से  गया  पहुंचे ! बहां  एक बड़  वृक्ष था  उस के  नीचे  बैठ कर बह  फिर  तपस्या  करने लगे !

प्रशन :-52 वह   वृक्ष के  नीचे किस  दिशा  की और  मुहँ करके  बैठे थे ?

उत्तर :-पूर्व दिशा  की  और  मुहँ करके!

प्रशन :50 इस   वृक्ष को अब क्या  कहा  जाता  है ?

उत्तर :-बोद्धि वृक्ष


प्रशन :-51 उस रात्रि  को  क्या उन को ज्ञान हासिल  हुआ ?

उत्तर :-तृष्णा शमन  के  मार्ग  का ज्ञान हुआ! भोर  होने से पहले  उनका मन  एसे  ही  खुल चूका  था  जिस तरह पूरी  तरह  कमल  का  फूल  खिल जाता है! बह  गौतम  से  बुद्ध  हो गए ! जगत  के पीछे चल रहे  सभी कार्यकारणों के  ज्ञानी हो गए !

प्रशन:-52 बुद्ध  का  सही अर्थ  क्या  होता है?

उत्तर:-  बुद्ध  यानि जिसे  पूरा   ज्ञान  हो ,जो  पूरी  समझ  रखता हो ,जो सब  कुछ  जानता हो!

प्रशन:-53 कार्यकारणों के ज्ञानी का  कया  अर्थ  है?

उत्तर :- दुनिया   में जो  कुछ  भी होता  है उस  का  कारण होता  है, उस हर  कारण  को जानने  बाले  को इस तरह  का  ज्ञानी कहा जाता  है!


प्रशन :-54 बुद्धत्ब तक  पहुँचने  के लिये  उनको  किन  मानसिक  हालात से गुजरना  पड़ा?

उत्तर :- जिस प्रकार  कोई योद्धा  किसी  युद्ध  में  अनेक  दुश्मनों  के साथ युद्ध करता है  बैसे ही  गौतम  को  मानवीय  कामनाओं और तृष्णाओं से  युद्ध करके उनपर   विजय  हासिल करनी पड़ी!


प्रशन :-55 इस प्रकार  ज्ञान हासिल  करके बुद्ध  ने  क्या किया ?

उत्तर :- शुरुआत में  उस  गंभीर ज्ञान का  जन साधारण  के  बीच  उपदेश देने  में  बुद्ध  को झिझक  महसूस  हुई!

प्रशन :-56 सो  कयों?

उत्तर :-कयों कि इस  ज्ञान की  गुढ़ता और गंभीरता को  समझना इतना आसान ना था ! इसलिये  उनको  अशंका  हुई कि बहुत थोडे  लोग ही  इसे समझ पाएंगे!


प्रशन :-57 फिर  बुद्ध ने   अपना  सन्देश दिया ?

उत्तर :   हाँ ,दिया ! बुद्ध  ने  सोचा  अज्ञान,अन्धबिश्बास और  तृष्णापूर्ण दुःख से पीङित समान्य जन मानस  को  फायदा होना जरूरी है ,इसलिये  आसान शब्दोंमें   अपने ज्ञान को जगत  को देने का  बुद्ध  ने  फैसला  लिया !


प्रशन :-58 वह  5 ब्राह्मण  सन्यासी फिर उनको  कब और  कहाँ  मिले  थे ?

उत्तर :- बुद्ध  को वह  दोबारा वाराणसी  में  मिले थे !

प्रशन :-59 बुद्ध  ने  क्या पहला उपदेश  इन को दिया था ? अगर  हाँ ,तो कहाँ ?

उत्तर :- हाँ ,सम्राट अशोक  दूारा वाराणसी में स्थापित  सिंह –स्तम्भ [हमारा राष्ट्रीय चिन्ह] के पास  बुद्ध ने  इन 5 ब्राह्मण  सन्यासियों को  पहला धम्म उपदेश  दिया !

प्रशन :-60  बुद्ध  के  धम्मुप्देश का  सार  क्या था ?

उत्तर :- बुद्ध  ने  कहा –दो सिरों  की बात है ,दो  किनारों  की बात है –एक तो काम-भोग  का  जीवन है  और  दूसरा  काया – कलेश  का जीवन  है ! पहला कहता है खाओ ,पीओ  और  मोज़ ऊङाओ ,क्यों  कि कल  तो मरना ही  है ! दूसरा  कहता  है की तमाम वासनाओं  की  जड़  ही  काट डालो क्यों यह  पुनर्जन्म का  कारणहैं !इन दोनों अतियों को  बुद्ध  ने  नामंजूर  कर  दिया! बुद्ध ने कहा“मैं ने  इन दोनों अतियों में  से  बीच  का रास्ता निकाल  लिया है!”इसे मध्यम मार्ग  भी  कहा जाता है!

प्रशन:61-बुद्ध  के  धम्म  में शामिल  होने के लिये  पहले  क्या   करना होता है ?

उत्तर :-बुद्ध  को नमन  करना होता है !

प्रशन62 :-  वह कैसे ?

उत्तर :- नम्मो  तस्स  भगवतो अर्हतो सम्मा स्म्बुधस्य कह कर!

प्रशन:-63 इस  का अर्थ ?

उत्तर:- मैं बुद्ध  को  नमन  करता हूँ !


प्रशन :- 64 फिर ?

उतर:-त्रिशरण  में  जाना  होता है?

प्रशन:-65  त्रिशरण   का अर्थ ?

उत्तर:- त्रि  का  अर्थ  होता है तीन और  शरण  का  अर्थ  होता  है सहारा या  आसरा! तीन  आसरों   या  सहारों  को  लेना होता है !


प्रशन:-66 पहले  आसरे  या  सहारे  को पाली में  लिखो!

उत्तर:-बुद्धम शरणम्   गच्छामि!

प्रशन:-67 इस  का  अर्थ  बताएँ!

उत्तर:- मैं  अपनी बुद्धि [दिमाग ]  और अपनी   ऊँची सोच   की शरण  में  जाता हूँ !

प्रशन:-68  दूसरी शरण लिखो !

उत्तर:- धम्मम् शरणम्   गच्छामि!

प्रशन :69  अर्थ  लखो !

उत्तर :-मैं बुद्ध  की  सोच  का  आसरा  लेता हूँ!

प्रशन :-  70  तीसरी  शरण  को  लिखें!

उत्तर:-संघम शरणम्   गच्छामि!प्रशन :-

71 संघम शरणम्   गच्छामि का  अर्थ  बताएँ!

उत्तर :- भिक्षु संघ की शरण  में जाता हूँ !

प्रशन :-72 संघ  का अर्थ ?

उत्तार :- संघ  का अर्थ है  संगठन यहाँ  अर्थ है भिक्षु संघ


प्रशन :-73 भिक्षु किसे  कहते  हैं ?

उत्तर :- जो  घर का  त्याग  करता है!और  बुद्ध  की  विचारधारा  को   लोगों को  बताता  है उसे भिक्षु कहा  जाता है  !

प्रशन :-74 बुद्ध  ने  कौन से  चार  आर्य सत्यों की  बात की  है ?

उत्तर :- पहला  आर्य  सत्य  है ,दुःख !दूसरा आर्य सत्य है ,दुःख का  कारण, तीसरा आर्य सत्य  है, दुःख का निवारण!  चौथा आर्य  सत्य  है ,दुःख  निवारणका  तरीका


प्रशन:-75 पहले आर्य सत्य दुःख  पर  प्रकाश डालें!

उत्तर :- दुनिया  में  दुःख  ही  दुःख  है  और  यह  व्यक्ति  ने  खुद  पैदा  किया हुआ  है! दुःख  का  आधार अज्ञानता है! दुःख का  सिलसिला चलता ही रहता है !

प्रशन :-76 दुसरे  आर्य सत्य  दुःख के  कारण पर प्रकाश डालें!

उत्तर :-  दुःख  सकारण  होता है! कामना  के  पूरा  न होने के कारण दुःख पैदा होता है !

प्रशन :-77 चौथे आर्य सत्य  दुःख के खात्में के तरीके  पर प्रकाश डालें !

ऊत्तर.   यह बैज्ञानिक रास्ता है! तथागत बुद्ध ने दुःख  के वजूद ,दुःख के कारण  और दुःख के निवारण और  निवारण के रास्ते का फार्मूला दुनिया  को दिया !


प्रशन:-79 उन  चीजों  के  बारे में बताएँ जो  दुःख  पैदा करती हैं !

उत्तर :-जन्म ,पैसा [जायदाद ] ,रोग ,मौत ,अपने रिश्तेदारों और चीज़ों से जुदा होना ,अच्छे न लगने बाले लोगों और  चीज़ों के  मिलने से  दुःख पैदा  होता है!तृष्णा दुःख  पैदा करती है !


प्रशन :-80 हम  अतृप्त तृष्णाओं और अज्ञानजनित कामनाओं को  पैदा  होने से कैसे रोक  सकते हैं?

उत्तर:-   त्रिशरण, पंचशील  और  आर्य –आठ तरह के  रास्तों  पर  चल कर  इन्हें रोका  जा सकता  है !


प्रशन:-81   आठ  भागों  वाले  रास्ते  को  लिखें!

उत्तर :-1.सम्यक दृष्टि———-सही  नज़र

2.सम्यक  संकल्प——सही फैसला

3. सम्यक    वाणी ———सही  बोलना

4.सम्यक  कर्मान्त………. सही  काम करना !

5.सम्यक आजीविका ………..सही  ढ़ंग से रोज़ी कमाना

6. सम्यक  व्यायाम ………… अच्छे विचारोंको पैदा  करना

7.सम्यक  स्मृति  और………….जागृत रहना!

8. सम्यक  समाधि…………….. मन  की सफाई  करना

 
-पंचशील लिखो!

1.मैं अकारण  जीवहत्या  नहीं  करूंगा!

2.मैं चोरी ,बेईमानी  और  लूट –पाट नहीं करूँगा!

3.मैं अपनी  बीबी  के  अलावा  दूसरी औरत  के साथ  शरीरिक सम्बन्ध नहीं  बनाऊंगा!

4.मैं झूठे,कठोर और  अनावश्यक  वचन  नहीं बोलूंगा!

5. मैं नशीली  चीज़ों  का  सेवन  नहीं करूँगा!


प्रशन:-82 इस उपदेश का  पांचों ब्राह्मणों पर  क्या प्रभाव  पड़ा?

उत्तर :-पाँचों  ने  बुद्ध  के सिद्धांतों  को  स्वीकार  किया  और  बुद्ध के  शिष्य  बन गए!

प्रशन:-83 इस के बाद बुद्ध  कहाँ  गए?

उत्तर:- उरुवेला गए ,वहां  उन्होंने  महाकश्यप  नामक व्यक्ति  को  उपदेश देकर  अपने  धम्म में शामिल  किया
प्रशन :-84 बुद्ध  ने इस के बाद  किस  महान व्यक्ति  को  धम्म में लाया ?


उत्तर :- मगध  के सम्राट  बिम्बिसार को  उपदेश दे कर बुद्ध धम्म  में लाए!

प्रशन :-85 इसके  बाद  कौन दो  व्यक्ति  उनके  शिष्य बने ?

उत्तर :-वह  दो व्यक्ति थे ,सारिपुतर और  मैध्गलयाण!

प्रशन:-86 क्या बुद्ध  अपने  पिता  को मिलने  गए?

उत्तर :- हाँ ,मिलने गए ,उनके पिता  ने  अपने  रिश्तेदारों और मंत्रियों को लेकर  उनका  बडे प्रेम और  उत्साह  के साथ  स्वागत किया !


प्रशन :-87 पिता के  घर रहने के प्रस्ताव  पर बुद्ध  ने पिता को  क्या  उत्तर दिया ?

उत्तर :- उन्होंने  अपनी  मधुरवाणी में  कहा की युवराज गौतम  अब  अपने बजूद  से बाहिर  जा  चुके  हैं और  अब बह  बुद्ध  की अवस्था  में बदल चुके हैं! जिस के  लिये अब  सभी प्राणी  अपने हैं ,एक  जैसे प्यारे हैं!

प्रशन :-88 बुद्ध ने भिक्षुणी संघ  की भी  स्थापना कब  की ?

उत्तर :-पिता  से  पहली  मुलाकात  के दौरान ही  उन्होंने यह  काम भी  कर डाला! महाप्रजापति गौतमी  जो उनकी मौसी और  सौतेली  माँ भी  थीं,पहली ऐसी  औरत  थी  जिन  को भिक्षुणी होने की  दिक्षा दी गई! और  उन्हें भिक्षुणी संघ  का मुखिया  बनाया  गया !

प्रशन :-89 इसके इलावा  और  किन औरतों  ने  धम्म  को  स्वीकार किया ?

उत्तर :- उनकी  पत्नी  यशोधरा और  अनेक  औरतों ने भिक्षुणी संघ  की सदस्यता हासिल की! यह एक  बहुत बड़ी बात थी !

प्रशन:-90 धम्म दिक्षा उन्होंने क्या सभी  को दी ?

उत्तर :- सभी  को ,खास  कर  नीच  समझी  जाने  वाली  जाति के  लोगों को दिक्षा  दे कर  धम्म  में  लाया!

प्रशन :-91 क्या बुद्ध  ने  समाजिक इन्कलाब  किया ?

उत्तर :- हाँ , किया  इस से   दलितों  को  ऊपर  उठने  का  मोका  मिला!

प्रशन:-92। वह  कितनी  उम्र  तक दिक्षा  देते  रहे?

उत्तर:- 80 साल  तक!


प्रशन:-93 कितने  साल बुद्ध  ने  धम्म  पर  काम  किया ?

उत्तर:- 45 साल

प्रशन :-94 अपने  पसंद  का   उनकाकोई एक  उपदेश  बताओ?

उत्तर :- बुद्ध  ने  कहा की उन का   या  किसी  का भी उपदेश  या  बात इसलिये  मत मानो  की कहने बाला  एक  बड़ा आदमी  है या  बह  बात या उपदेश एक  बहुत  बडे ग्रन्थ  में लिखी  गई  है कोई  बात  या  उपदेश अगर  आप की बुद्धि  की  कसौटी पर  खरी  उत्तरती है  तो  तभी  मानो अन्यथा  मानने  की  कोई  जरूरत  नहीं!

प्रशन :-95 क्या बुद्ध  की  विचारधारा  में  ज़ातपात  पाई जाती  है?

उत्त्तर:- नहीं !

प्रशन :-96   क्या  बुद्ध  की  विचारधारा  में  ऊँच-नीच  पाई जाती है ?

उतर :- नहीं !

प्रशन :-  क्या  बुद्ध की विचारधारा  में  वर्णव्यवस्था  पाई जाती है ?

उत्तर :- नहीं

प्रशन :-98 डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर  ने बुद्ध धम्म  को ही क्यों  माना ?

उत्तर :-  बुद्ध की  एक  वैज्ञानिक  विचारधारा है ,  इसलिये!

प्रशन :-99  क्या बुद्ध आत्मा –परमात्मा  में  यकीन  रखते थे?

उत्तर :-नहीं !


प्रशन:-100 उनका  महापरिनिर्वाण कहाँ  हुआ

उत्तर :- कुशी नगर  में  हुआ !

प्रशन :-101 कया  उन्होंने पहले  ही  अपने  महापरिनिर्वाण के  बारे  में  बता दिया  था?

उत्त र :-102 तीन महीनें  पहले  ही  उनको  पत्ता  चला  गया था1 और  बुद्ध ने  पहले ही  अपने  चेलों  को  बता  दिया था !

प्रशन :-103. अपनी  अंतिम  सांस लेने  से पहले  बुद्ध ने   क्या  कोई  अंतिम उपदेश दिया ?

उत्तर :- हाँ ,बुद्ध  ने भिक्षुओं को  कहा  अपने

और  दुनिया  के  कल्याण  के काम  करते  रहो ,और इस  तरह  बुद्ध  ने  अंतिम साँस  ली !बुद्ध जीवन ब सन्देश

No comments:

Post a Comment